शंभू और खनौरी सीमा पर लंबे समय से जारी किसान आंदोलन को हटाने के बाद पंजाब पुलिस ने धरना दे रहे किसानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे 100 किसानों को हिरासत में लेकर पटियाला सेंट्रल जेल भेज दिया। गिरफ्तार किसानों में प्रमुख किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़ और सुखजीत सिंह हरदोझंडे भी शामिल हैं।
पटियाला के एसएसपी डॉ. नानक सिंह ने बताया कि शंभू बॉर्डर पर करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रालियां मौजूद थीं, जिनमें से 100 को हटा दिया गया है। शेष ट्रैक्टर-ट्रालियों और अन्य अस्थायी निर्माणों को भी आज शाम तक पूरी तरह हटाने की योजना बनाई गई है।
हरियाणा सरकार भी अपनी ओर से शंभू बॉर्डर की बैरिकेडिंग हटा रही है, जिससे जल्द ही यह मार्ग पूरी तरह से खुल जाएगा और यातायात सामान्य हो सकेगा। किसान आंदोलन के कारण व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और आम जनता को हो रही परेशानियों का अब समाधान होने की उम्मीद है।
पुलिस प्रशासन ने शंभू बॉर्डर से जब्त किए गए ट्रैक्टर-ट्रालियां, एलईडी, पंखे, एसी, कूलर और अन्य सामान को पुराने शंभू थाने में बनाए गए एक यार्ड में रखने का निर्णय लिया है। किसान अपनी संपत्ति का प्रमाण दिखाकर वहां से अपना सामान ले सकेंगे। एसएसपी डॉ. नानक सिंह ने कहा कि प्रशासन किसानों के साथ टकराव नहीं चाहता और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत जारी है।
किसान नेता तेजवीर सिंह के अनुसार, हिरासत में लिए गए किसानों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएसएस) की धारा 126 और 170 के तहत मामला दर्ज किया गया है। धारा 126 के तहत किसी व्यक्ति को जबरन किसी स्थान पर जाने से रोकना दंडनीय अपराध है, जबकि धारा 170 पुलिस को ऐसे व्यक्तियों को बिना वारंट गिरफ्तार करने की अनुमति देती है, जिन पर संज्ञेय अपराध की योजना बनाने का संदेह हो।